म्येरू पहाड़ फाउंडेशन
अपनी भाषा, अपनी संस्कृति
जब हर गाँव तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचेंगी, तभी पहाड़ मुस्कुराएगा।
स्वस्थ शरीर और मजबूत समाज से ही उत्तराखंड बनेगा सशक्त और समृद्ध।
सेवा है यज्ञकुंड समिधा सम हम जलें ध्येय महासागर में सरित रूप हम मिलें
स्वास्थ्य एवं पोषण
निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, मातृ एवं शिशु देखभाल।
कुपोषण और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ अभियान।
युवा एवं ग्रामीण विकास
युवाओं के लिए रोजगार अवसर, व्यावसायिक प्रशिक्षण।दूरदराज़ गाँवों में स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास।
संस्कृति से जुड़ाव
पहाड़ी भाषा का संरक्षण पहाड़ी कार्यक्रम सामाजिक संदेश (शिक्षा, स्वच्छता, नशामुक्ति) शामिल हों। उत्तराखण्ड की समृद्ध भाषाओं और संस्कारों से युवा पीढ़ी को जोड़ने का संकल्प।
समरसता
उत्तराखण्ड समाज में समरसता और
एकता स्थापित करने का प्रयास,
जहाँ सभी जाति, वर्ग और क्षेत्र के लोग
एक सूत्र में बंधें।
म्येरू पहाड़@2025
फाउंडेशन उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को सहेजने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
हर वर्ष हम तीन मुख्य पर्व – होली, दीपावली और हरेला – को पूरे उत्साह और सामाजिक सहभागिता के साथ मनाते हैं।
इन पर्वों के साथ-साथ, हमारा NGO उत्तराखंड के गाँवों में निःशुल्क मेडिकल कैंप आयोजित कर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराता है।
हमारा उद्देश्य है की हम पहाड़ की संस्कृति का संरक्षण, समाज में सहयोग और सभी के लिए स्वस्थ भविष्य के लिये कार्य करे।
मेडिकल कैंप
म्येरू पहाड़ वर्ष में एक बार मुफ़्त स्वास्थ्य शिविर (Medical Camp)उत्तराखण्ड में आयोजित
करता है। इसमें ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों
को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, दवाइयाँ और उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है।
हरेला कार्यक्रम
हरेला प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक पर्व है। इस दिन म्येरू पहाड़ सांस्कृतिक कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित करता है और लोगों को हरियाली बचाने का संकल्प दिलाता है। उत्तराखंड की परंपरा को जीवित रखते हुए हम बच्चों और युवाओं को पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूक करते हैं।
